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नैनीताल में अतिवृष्टि से फसले नष्ट, घरों में घुसा मलबा, कई ग्रामीण प्रभावित…

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नैनीताल में अतिवृष्टि से फसले नष्ट, घरों में घुसा मलबा, कई ग्रामीण प्रभावित…

उत्तराखंड में आसमान से बारिश आफत बन बरस रही है। बड़ी खबर नैनीताल से आ रही है। बताया जा रहा है कि यहां रामनगर तहसील अंतर्गत आने वाले भलोंन क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा आई है। अतिवृष्टि की घटना से क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। फसले नष्ट हो गई तो वहीं  लोगों के घरों में  मलबा घुस गया। प्रभावित परिवारों को ग्रामीणों की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओखलढुंगा में विस्थापित किया गया है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार नैनीताल के रामनगर तहसील अंतर्गत आने वाले भलोंन क्षेत्र में आज सुबह 3 बजे और 4 बजे के बीच अतिवृष्टि हुई है। कुछ यहां बादल फटने की खबर भी दे रहें है। बताया जा रहा है कि जिससे भलोंन क्षेत्र में मलबा घुस गया है। निर्माणधीन रिसोर्ट, ग्रामीणों की ज़मीन और कुछ वाहन मलबे की चपेट में आकर बह गए हैं। ग्रामीणों की पूरी फसल नष्ट हो गई है।

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वहीं रामनगर से 25 किमी दूर कालाढूंगी तहसील के पाटकोट-भलोन के बीच का नाला उफान में आ गया। ओखलढुंगा गांव में अतिवृष्टि के कारण करीब 50 घरों को क्षति हुई है। साथ ही कई लोग आंशिक रूप से घायल हुए हैं और किसानों की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। बादल के फटने का मतलब ये नहीं है कि अचानक से कहीं एकदम से गुब्‍बारे की तरह बादल फट जाएगा। ये एक तकनीकी शब्‍द है जिसका इस्‍तेमाल मौसम वैज्ञानिक करते हैं। इसका मतलब है अचानक से एक जगह पर बहुत ज्‍यादा तेज बारिश होना।

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IMD के अनुसार, अगर एक जगह पर एक घंटे में 100 MM बारिश होती है तो इसे बादल फटना कहा जाता है। ये ठीक उसी तरह है जैसे पानी का गुब्‍बारा अगर कहीं पर फोड़ दिया जाए तो अचानक से सारा पानी एक जगह गिर जाता है। इस घटना को Cloudburst या Flash Flood भी कहा जाता है। ज्‍यादातर बादल फटने की घटनाएं पहाड़ों पर घटती हैं, इसका कारण है कि पानी से भरे बादल हवा के साथ उड़ते हैं। ऐसे में कई बार वो पहाड़ों के बीच फंस जाते हैं और पहाड़ों की ऊंचाई के कारण ये आगे नहीं बढ़ पाते हैं।

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बादल के फटने से भयावह स्थितियां पैदा हो जाती हैं। नदी, नालों में अचानक से पानी का स्‍तर बढ़ने के कारण  बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं। चूंकि पहाड़ों पर ढलान वाले रास्‍ते होते हैं, ऐसे में पानी रुक नहीं पाता बल्कि तेजी से नीचे की ओर बहता है। ऐसे में ये पानी अपने साथ मिट्टी, कीचड़, पत्‍थरों के साथ-साथ पशु, इंसान या जो भी चीजें सामने आती हैं, सबको बहाकर ले जाता है।

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