Connect with us

देवत गांव में पत्थर गिरने की घटना के बाद जिलाधिकारी का स्थलीय निरीक्षण, प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास की व्यवस्था

उत्तराखंड

देवत गांव में पत्थर गिरने की घटना के बाद जिलाधिकारी का स्थलीय निरीक्षण, प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास की व्यवस्था

माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रातः ग्रामीणों से वार्ता की और उनकी सुरक्षा हेतु हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और पुनर्वास की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए।*

बताते चलें कि देवत गांव में हाल ही में पत्थर गिरने की घटना से उत्पन्न संकट के मद्देनज़र आज प्रातः जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गांव का स्थलीय निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने बताया कि लगातार हो रही वर्षा के कारण पहाड़ियों से चट्टानों के गिरने का खतरा बढ़ गया था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित परिवारों को रात्रि में ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।

यह भी पढ़ें 👉  टिहरी गढ़वाल में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

उन्होंने कहा कि वर्षाकाल को देखते हुए ग्रामीणों के लिए स्थायी आवास व्यवस्था आवश्यक है। अस्थायी तौर पर प्रेशियस अकादमी भवन में उनके लिए रहने की व्यवस्था की गई है। यहां ग्रामीणों को चारपाई, गद्दे, रजाई, बिस्तर, विद्युत, पेयजल और सामुदायिक रसोई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जिला प्रशासन लगातार संपर्क बनाए हुए है और ग्रामीणों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि गांव के ऊपरी क्षेत्र की पहाड़ियों में कई लूज बोल्डर अटके हुए हैं, जो किसी भी समय खिसक कर गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए भूवैज्ञानिकों की टीम द्वारा शीघ्र ही भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर पहाड़ियों की ढलानों का ट्रीटमेंट कार्य जल्द शुरू किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव हो सके।

यह भी पढ़ें 👉  रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए मंडी समिति काशीपुर के प्रभारी सचिव – सतर्कता विभाग की कार्रवाई

जिलाधिकारी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों एवं शासन की नीतियों के अनुरूप प्रभावित ग्रामीणों के स्थायी विस्थापन की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रामीणों को सुरक्षित और उपयुक्त स्थानों पर बसाना प्रशासन की प्राथमिकता है। जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि प्रभावित परिवारों को गांव के पास बने बैंकेट हाल में भी शिफ्ट किया गया है।

“रात में ग्रामीण बैंकेट हाल में रहेंगे, जबकि दिन में वे अपने दैनिक कार्य करते रहेंगे,” उन्होंने कहा। इस व्यवस्था से ग्रामीण अपनी रोज़मर्रा की आजीविका से भी जुड़े रहेंगे और रात्रि के समय सुरक्षित भी रहेंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक 20 परिवारों के 80 से अधिक लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था मानसून सीजन तक कर दी गई है। प्रशासन ने सभी प्रभावित परिवारों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  सैनी इंडिया ने लॉन्च किया नया एसएसआर110सी-10 प्रो – ऑपरेटर के अनुकूल डिजाइन और ‘प्रो’ वैल्‍यू वादे के साथ 11 टन का सॉइल कॉम्‍पैक्‍टर

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, दर्जा राज्यमंत्री गणेश भंडारी, जिला अध्यक्ष भाजपा गिरीश जोशी पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कोमल मेहता प्रशिक्षु उपजिलाधिकारी आशीष जोशी, वैभव कांडपाल,तहसीलदार विजय गोस्वामी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित रही।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT VIDEO

ट्रेंडिंग खबरें

ADVERTISEMENT

Advertisement
Advertisement
To Top